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इंदौर के अधिवक्ता ने किया अंतराष्ट्रीय स्थर पर देश और इंदौर का नाम रोशन-ग्लोबल लेक्स-फाल्कन पुरस्कार 2022 से हुए पुरस्कृत।

इंदौर- अब कानून के क्षेत्र में इंदौर के एक अधिवक्ता ने अंतराष्ट्रीय स्थर पर देश और इंदौर का नाम रोशन किया है। दरअसल ग्लोबल लेक्स-फाल्कन पुरस्कार 2022 से उन्हें सम्मानित किया गया है। दरअसल डॉ. अजिंक्य स. डगांवकर, अभिभाषक, इंदौर को दुबई संयुक्त अरब अमीरात में आज ग्लोबल लेक्स-फाल्कन पुरस्कार 2022 (श्रेणी – कानूनी) से पुरस्कृत किया गया है, जिन्हे लेक्सटॉक वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस दुबई यूएई में अंतर्राष्ट्रीय कानूनी बिरादरी द्वारा सम्मानित किया गया है।


आप को बता दे कि डॉ. अजिंक्य स. डगांवकर, अभिभाषक, इंदौर को दुबई, यूएई मे लेट्सटॉक वैश्विक विश्व सम्मेलन 2022 में आज भारत से “अतिथि वक्ता” के रूप में आमंत्रित किया गया है। आप के जीवन परिचय पर नजर डाले तो कई ख्यात उपलब्धिया आप के खाते में दर्ज है।
आपने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से बीए ,एल एल बी (ऑनर्स) एलएलएम तथा डॉक्टरेट उपाधियां हांसिल की है। उन्होंने अपनी आयु के तेइसवें साल से स्वतंत्र रूप से प्रेक्टिस शुरू की थी। अल्पायु में ही  संवैधानिक कानून- दिवानी-कॉरपोरेट -फौजदारी कानून, मध्यस्थता कानून अच्छा खासा गहन ज्ञान अर्जित किया है । उच्च न्यायालय मध्य प्रदेश, खंडपीठ इंदौर मे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग,अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद , मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड (और मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के लिए । स्टेडिंग काउंसिल है। उनके कई जटिल मामले प्रभावी ढंग से पैरवी कर कामयाबी हांसिल की है।

आप एक ओजस्वी वक्ता होकर अंतरराष्ट्रीयस्तर के पाठ्यक्रम “कॉन्ट्रैक्ट लॉ ” में विशेष प्रमाण पत्र से, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक उपक्रम हार्वर्डएक्स  ‘इंटरनेशनल लॉ’ में इंटरनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, बर्लिन, जर्मनी तथा चाइना-साउथ एशिया लीगल रिसर्च सेंटर के रिसर्च फेलो से भी सम्मानित हो चुके है । आप “मॉडर्न एरा ऑफ जुडिशरी’ ई बुक के लेखक है । कम आयु में अनेक राष्ट्रीय -अन्तर्रराष्ट्रीय  उपलब्धियों के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर  इसी वर्ष, लीगल कम्युनिटी द्वारा एक खास समारोह में दुबई में अवार्ड दिया गया  है । अजिंक्य ,देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमेंट ,स्कूल ऑफ लॉ में  ओनररी विजिटिंग फैकल्टी है। एम फिल.(लॉ), एलएल.एम.(बिजनेस लॉ),बी.ए.एलएल.बी (ऑनर्स)के विद्यार्थियों   को पढ़ाते आ रहे हैं* ।

*प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च   विजिटिंग फैकल्टी रहे हैं । विशेष उल्लेखनीय बात कि इसी प्रतिष्टित संस्थान के विधि विभाग के संस्थापक सदस्यों में से एक है । इसके अलावा वे सामाजिक संस्थाओं द्वारा आयोजित सभाओं में सहज भाषा मे’व्याख्यान के जरिये असहाय- गरीब पीड़ितों को निःशुल्क कानूनी मार्गदर्शन देते है । न्याय बंधु प्रो बोनो लीगल सर्विसेज, न्याय विभाग, कानून और न्याय मंत्रालय,भारत सरकार में विधिवत स्वेच्छा से पंजीकृत है ।इंस्टीट्यूशनल एथिकल कमेटी, इंडियन  इंस्टीट्यूट ऑफ हेड एंड नेक ऑन्कोलॉजी,इंदौर कैंसर फाउंडेशन में लीगल एक्सपर्ट , कानूनी सहायता केंद्र,  कानूनी सहायता केंद्र में ‘स्वैच्छिक अधिवक्ता’  है।सर्वोच्च न्यायालय में भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित 3 न्यायाधीशों की खंडपीठ के समक्ष लैंडमार्क आर्बिट्रेशन मामले में बहस हुई। जिसमें अधीनस्थ न्यायालय को निर्देश दिया गया था कि मध्यस्थ कार्यवाही से उत्पन्न होने वाले मामलों में देरी नहीं होनी चाहिए । द बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया (नई दिल्ली) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति मे मध्य प्रदेश से चौथी मर्तबा प्रतिनिधि है और मध्य प्रदेश से सचिव भी रहे हैं।

आपको पिता सतीश, माता जयश्री डगांवकर से अच्छे संस्कार पत्नी श्रीमती अर्चना का पूरा साथ मिलता रहा है। ये दोनों महिलाए भी सामाजिक गतिविधियों में निस्वार्थ भाव से काफी क्रियाशील है । सब के आशिर्वाद से कानून क्षेत्र से जुड़े अजिक्या का अंतराष्ट्रीय स्थर पर सम्मान इंदौर से जुड़े अधिवक्ता जगत सभी विद्ववानों के लिए भी एक सम्मान की बात है।

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