ओर अब बात मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद की जहां एक हजार सनद गायब होने से बवाल मचा है। दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।को-चेयरमैन मनीष तिवारी का आरोप है कि निलंबित बाबू मुईन खान ने सनद चुराकर गायब कर दीं। वहीं खान का तर्क है कि उन्होंने सनद सुरक्षित रखवा दी हैं।उनका स्पष्टीकरण है कि सनद चोरी का आरोप बेबुनियाद है। सनद अधूरी होने के कारण कार्यकारिणी समिति के पास सुरक्षा की दृष्टि से रखवा दी गई हैं।स्टेट बार के किसी सदस्य के साथ मारपीट भी नहीं की गई है।आगामी हाई कोर्ट बार चुनाव में लाभ हासिल करने के लिए मनगढ़ंत आरोप लगाया गया है।कार्यकारिणी समिति के आदेशानुसार मैं निलंबित नहीं हूं। आरोप प्रत्यारोप के बीच अब भी एक हजार नए वकीलों के भविष्य पर सकंट के बादल छाए हुए है।
उधर इस मामले में मुईन खान ने अपनी विज्ञप्ति के साथ 22 मार्च का सनद प्रकरण से जुड़ा दस्तावेज, कर्मचारी प्रणय खरे, अंकित सेन, लेखापाल आरजी वर्मा व केयर टेकर अशोक सेन के पत्र भी संलग्न किए हैं। अंत में कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मृगेंद्र सिंह द्वारा 20 जनवरी, 2022 को जारी उस आदेश की प्रति भी संलग्न की है, जिसके जरिये कार्यकारी सचिव गीता शुक्ला को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।वहीं दूसरी ओर कार्यकारी सचिव गीता शुक्ला का आरोप है कि मुईन खान कार्यकारिणी समिति के दबाव में मनमानी कर रहा है। वह निलंबित है फिर भी ग्वालियर जाने के बदले जबलपुर में जमा है। उसका कार्यालय में प्रवेश अनुचित है। यदि वह नहीं माना तो पुलिस की मदद ली जाएगी।
वहीं इस मामले में वाइस चेयरमैन आरके सिंह सैनी ने भी साफ कर दिया है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा। एक हजार सनद गायब होना कोई छोटी बात नहीं है। को-चेयरमैन मनीष तिवारी से अभद्रता से भी वकील खासे नाराज हैं। ऐसे में आंदोलन भी हो सकता है। ऐसा न हो इसके लिए समय रहते ठोस कदम उठाया जाएगा। चेयरमैन से इस सिलसिले में चर्चा की जाएगी। अधिवक्ता कल्याण की राह में बाधा बनने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। अब देखना दिचस्प होगा की आने वाले दिनों में सनद गायब होने का यह मामला क्या नया तुल पकड़ता है।