अभी निचली कोर्ट ने उज्जैन में हुई मारपीट से जुड़े मामले में पूर्व मुख्य मंत्री दिग्विजय सिंह को एक वर्ष की सजा सुनाई तो वहीं खरगोन हिंसा मामले में एक आपत्ती जनक ट्वीट ने दिग्विजय सिंह के मनसूबों को लेकर सवाल खड़े कर दिए, अभी मामले की आच ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि पूर्व मुख्य मंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ग्वालियर सेंट्रल जेल पहुंचे। यहां पुलिस सब इंस्पेक्टर की हत्या के प्रयास के आरोप में बंद एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष शिवराज यादव से मुलाकात की। इस मुलाकात में सारे नियम तोड़े गए। बीजेपी के नेताओं का यह मानना है कि यह घटना इस और इशारा कर रही है कि कानून हाथ में लेना दिग्गविजय सिंह की फितरत बन गई है।
आप को बता दे कि पूर्व मुख्य मंत्री दिग्विजय ने अपने समर्थकों के साथ पहुंचकर जेलर के केबिन में आरोपी से मुलाकात की। इसका वीडियों भी सोशल मीडिया पर कांग्रेसियों द्वारा ही वायरल किया गया।अब इस मुलाकात की शिकायत गृह विभाग और मुख्यमंत्री तक पहुंची। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तो ग्वालियर सेंट्रल जेल के अधीक्षक मनोज कुमार साहू को निलंबित करने का फैसला तक ले लिया है। उन्होंने सेंट्रल जेल के अफसरों की जमकर क्लास ली है। साथ ही गृह मंत्री ने कहा, दिग्विजय सिंह जी 10 साल तक मप्र के मुख्यमंत्री रहे हैं। मैं समझता था कि उन्हें नियम प्रक्रियाओं का ज्ञान होगा कि जेल के अंदर के फोटो वायरल नहीं किए जाते हैं। हालांकि अब इस घटना को पर आगे क्या कार्रवाई होती, यह कहना मुश्किल है, लेकिन माना जाता है कि राजा के पास सरकार की हर बात का जवाब होता