Breaking News
Home / इंदौर / खरगोन घटना का काला सच, जिसने कहा हम कुछ नहीं होने देंगे, उन्होने ही बरसाए पत्थर फैके पट्रोल बम ?

खरगोन घटना का काला सच, जिसने कहा हम कुछ नहीं होने देंगे, उन्होने ही बरसाए पत्थर फैके पट्रोल बम ?

रामनवमी पर खरगोन में हुई घटना कई मायने में कई सवाल खड़े करती है। सवाल यह कि आखिर इतना गुस्सा किस पर और क्यो, महिला और बच्चों को भी नहीं बक्शा गया । जानकारी के मुताबिक जो बच गए, उन्हें लग रहा है कि उनको नया जन्म मिला। ज्यादातर परिवारों का यहीं कहना है कि अचानक भीड़ चिल्लते हुए घरों में घूस गई। पत्थर फैके, पेट्रोल बम फैके, घरों में लोगों को खुला ललकारा, गोलीबारी हुई, जो पहले कह रहे थे हम कुछ नहीं होने देंगे, उन्होने ही बाद में पत्थर बरसाए और पेट्रोल बम फेके। खास बात यह कि जितने भी पीड़ित रहे उन्होने कहा कि पुलिस को सूचना देने पर मदद पहुंचने में काफी वक्त लगा, इस दौरान उन्होने कैसे अपनी जान बचाई यह वहीं जानते है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऐसी उग्र, हैवानों की भीड़ में कैसे बंधकों ने अपने आप को बचाया होगा। धर्म के नाम पर कानून हाथ में लेने वालों ने पुलिस को भी नहीं बख्शा, खुद एसपी सिदार्थ चौधरी को पैरो में गोली लगी और कई पुलिस वाले घायल हुए।

वहीं आगजनी और पत्थबाजी में सैकड़ो लोग घायल हुए। यह मामला और ज्यादा संजिदा इसलिए भी हो जाता है कि कानून हाथ में लेने वालों ने कुछ ही समय के अंतराल में फिर दंगा किया और शासकीय और निजी संपत्ती को जम कर नुकसान पहुंचाया। खरगोन के कुछ जाहिलों की इस हरकत ने पूरे देश में क्या संदेश देना चाहा है, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन खरगोन की घटना ने एक बात तो साफ है कर दी है कि यह पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक अलर्ट है। खास कर मध्य-प्रदेश और देश मे पुलिस और प्रशासन को सामप्रदाइक उन्माद को लेकर विशेष सतर्कता बरतनी होगी। वहीं उन्माद पर राजनीति कर भड़काउ पोस्ट और बिना आधार के अनागर्ल पोस्ट करने वाले राजनेताओं को भी इससे बचना होगा, क्योकि नफरत के इस जहर का स्वाद खरगोन के जिन पीड़ितों ने चखा है। उनका डर और दर्द बता रहा है कि जो हुआ वह दोबारा नहीं होना चाहिए। वहीं जिन्होने यह किया उन्हें भी यह समझ लेना चाहिए कि बेबस इंसान की चुप्पी उसकी कमजोरी नहीं है।

About Aditya Singh

Check Also

इंदौर में बेरंग साबित हो रहा चुनाव प्रचार अभियान कार्यकर्ताओं में निराशा ।

झंडा डंडे पोस्टर बैनर वालों की कमाई पीटी । गली मोहल्ले में भी नहीं दिखाई …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *