नई दिल्ली । और अब खबर देश के सर्वोच्च न्यायालय से जुड़ी, दरअसल सर्वोच्च न्यायालय में हाल ही में एक याचिका दायर की गई है जिसमें बताया गया है कि हिंसा जैसी आपराधिक मामलों में शामिल होने वाले या संदेह के घेरे में आने वाले व्यक्तियों के घरों या फिर प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलाए जाने के खिलाफ जमीयत उलमा ए हिंद ने Sc में यह याचिका दायर की है। याचिका में बुलडोजर के इस्तेमाल को अपराध रोकथाम की आड़ में अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों को निशाना बनाने की साजिश बताया गया है।
आप को बता दे कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद मौलाना के अध्यक्ष अरशद मदनी ने कहा, “याचिका में अदालत से राज्यों को आदेश देने के लिए कहा गया है कि अदालत की अनुमति के बिना किसी के घर या दुकान को ध्वस्त ना करें. उत्तर प्रदेश में बुलडोजर की राजनीति पहले से ही चल रही है, लेकिन अब यह नापाक हरकत गुजरात और मध्य प्रदेश में भी शुरू हो गई है.” उधर मदनी ने कहा, “हमें पहले भी न्यायपालिका से न्याय मिला है, इसलिए हमें विश्वास है कि हमें इस महत्वपूर्ण मामले में सर्वोच्च न्यायालय से अन्य मामलों की तरह न्याय मिलेगा और अदालत धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए कड़ा फैसला करेगी. सकारात्मक परिणाम आने तक हमारा कानूनी संघर्ष जारी रहेगा। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में भारत के मुख्य न्यायाधीश से याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया जा सकता है।