और अब बात मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर की जहां इंदौर में पहली बार बार काउंसिल ऑफ इंडिया का एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया गया। प्रदेश में हाई कोर्ट की स्थापना के बाद यह पहला मौका है। जब वर्ग बार काउंसिल ऑफ इंडिया का सेमिनार इंदौर में हो रहा है। इस सेमिनार में आज सर्वोच्च न्यायालय के 2 जज और 4 राज्यों के मुख्य न्यायाधीश एक रिटायर मुख्य न्यायाधीश और आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल के चेयरमैन शामिल हुए इस सेमिनार में मुख्य रूप से न्यायालयों में कामकाज में तकनीकी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो इस पर चर्चा की गई ।
इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में आज बार काउंसिल ऑफ इंडिया का एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार न्यायालयों में तकनीक का बेहतर उपयोग विषय को लेकर आयोजित किया गया। इस सेमिनार का शुभारंभ मुख्य अतिथि सर्वोच्च न्यायालय के जज जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस जेके महेश्वरी ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस सेमिनार में तेलंगाना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद शर्मा कोलकाता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ भी उपस्थित थे।
इसके अतिरिक्त दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे जस्टिस राजेंद्र मेनन भी कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित थे। इस सेमिनार में मुख्य रूप से इस बात पर चर्चा की गई कि न्यायालय में प्रकरणों की बढ़ती हुई संख्या को देखते तकनीकी का बेहतर उपयोग कर किस तरह से किया जा सकता है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा कि कोरोना काल में न्यायालयों ने तकनीकी का बेहतर इस्तेमाल कर अप्रत्यक्ष सुनवाई कर काफी अच्छा काम किया। भविष्य में भी हमें न्यायालयों में यह तकनीकी उपयोग करना चाहिए।
वही जस्टिस जेके माहेश्वरी ने कहा कि अब वक्त आ गया है। जब हमें न्यायालयों में तकनीकी के उपयोग के बारे में सोचना चाहिए उन्होंने कहा कि जो भी नए अभिभाषक आए हैं उन्हें इस बारे में ज्यादा चिंता करना चाहिए। न्यायालयों में बढ़ते हुए प्रकरणों को कम करने का यही एक विकल्प हो सकता है जिससे जल्द न्याय दिलाया जा सकता है। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ, सेमिनार आयोजन के संयोजक व बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री मनन मिश्रा , सदस्य प्रताप मेहता ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में न्यायाधीश गण अभिभाषक और विधि के छात्र-छात्राएं शामिल हुए।