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एमपी में पड़ोसी राज्यों की तुलना में महंगी बिजली, तीन दिन के मंथन में भी नहीं हुई बढ़ती किमतों पर चर्चा।

मध्य प्रदेश में पेट्रोल-डिजल और गैस के महंगे दामों को लेकर तो सवाल उठते ही रहे है, लेकिन बिजली एक्सपर्टों की जोड़-तोड़ पर नजर डाले तो एमपी में पड़ोसी राज्यों की तुलना में सबसे महंगी बिजली मिल रही है। हालांकि 100 यूनिट तक बिजली पर विभिन्न राज्यों में सब्सिडी दी जा रही है। इस कारण 200 यूनिट तक आने वाले बिलों की तुलना करने पर ये आंकड़ा सामने आया। एमपी से सस्ती बिजली छत्तीसगढ़ और गुजरात में मिल रही है। औद्योगिक ईकाईयों को भी वहां सस्ती बिजली मिल रही है। उधर आम उपभोक्ता अब तक बिजली की कीमत और गणना को लेकर अब तक इस खेल को अच्छे से समझ ही नहीं पाया है।

जब्कि एक औसत आकड़े बताते है कि एमपी में 200 यूनिट तक बिजली खपत पर 1419 रुपए का बिल आता है। वहीं छत्तीसगढ़ में 820 और गुजरात में 767 रुपए का बिल आता है। ये हालत तब है जब एमपी में इन सीमावर्ती राज्यों में छग को छोड़कर प्रति यूनिट बिजली उत्पादन सबसे कम है। इस मामले में जानकारों की राय है कि पड़ोसी राज्यों की तुलना में घरेलू उपभोक्ताओं को 60 प्रतिशत महंगी बिजली मिल रही है।

मामला गंभीर है, क्योकि सरकार की दशा और दिशा, सड़क, पानी और बिजली ही करते आए है। ऐसे में तरंग में प्रदेश भर की बिजली कंपनियों और एक्सपर्ट की मौजूदगी में तीन दिन तक मंथन हुआ। पर बिजली की बढ़ती कीमतों पर कोई चर्चा नहीं हुई, अब आप इससे ही अंदाजा लगा सकते है कि बिजली कंपनी बढ़ती कीमतों को लेकर कितनी गंभीर है।

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