ओबीसी आरक्षण को लेकर जहां मुख्यमंत्री शिवराज ने अपनी सरकार की पीठ थपथपाई , वहीं कांग्रेस पर भी निशाना साधा, कहां कांग्रेस ने हर कदम पर ओबीसी का विरोध किया। जब हम 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ चुनाव करा रहे थे तो हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट चले गए। अब कमल नाथ और कांग्रेस नाटक कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं। भाजपा सरकार का दृढ़ संकल्प था कि ओबीसी आरक्षण के साथ ही चुनाव कराए जाएंगे। इसके लिए जो भी संभव था, वो सब किया। इसका ही परिणाम है कि हमने असंभव को संभव करके दिखाया।
सीएम ने कहा कि कांग्रेस अगर इतनी ही ओबीसी हितैषी है तो फिर महाराष्ट्र में पंचायत चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के क्यों कराए। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने आवास पर आयोजित पिछड़ा वर्ग के विभिन्न् संगठनों द्वारा आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम में कही।सीएम शिवराज ने कहा कि हमारा संकल्प था कि ओबीसी को उसके हक दिलवाकर रहेंगे। इसके लिए ओबीसी के आंकड़े जुटाने पूरी सरकार लगा दी। दिन-रात एक करके रिपोर्ट तैयार करके सुप्रीम कोर्ट में पेश की। कांग्रेस अब नाटक कर रही है। कमल नाथ, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा जवाब दें कि महाराष्ट्र में क्यों ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव में गए।
सीएम ने कहा कि कांग्रेस ने ओबीसी के नाम पर सिर्फ वोटबैंक की राजनीति की है। सरकार बनने पर कमल नाथ ने 27 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा कर दी पर हाईकोर्ट से रोक लग गई। इसे हटवाने के लिए महाधिवक्ता कोर्ट में खड़े तक नहीं हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया और 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया। प्रदेश सरकार भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री के इस बयान का आगामी चुनावों पर कितना असर होता है।