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सेना का काम युद्ध लड़ना है, रक्षा उपकरण आप बनायें – एयर वाइस मार्शल श्री रंजन

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सत्र “एरोस्पेस एण्ड डिफेंस” में विशेषज्ञों ने दी महत्वपूर्ण जानकारी

सेना का काम युद्ध लड़ना है, देश की रक्षा करना है। सेना के लिये जरूरी उपकरण आप बनायें। एयर वाइस मार्शल श्री राजीव रंजन ने यह बात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सत्र “एरोस्पेश एण्ड डिफेंस” में कही। श्री रंजन ने कहा कि काम के लिये पैसे की कमी नहीं है। रक्षा बजट का लगभग 68 प्रतिशत स्थानीय निर्माण के लिये है। निजी निवेशकों के लिये रक्षा क्षेत्र से संबंधित उपकरण बनाने के लिये विण्डो खुली हुई है। आप सरकार की नीतियों का लाभ लेकर इस क्षेत्र में आगे आयें और उपकरणों की आयात पर निर्भरता खत्म करें। श्री रंजन ने कहा कि वर्तमान में भारत में बनाये जा रहे रक्षा उपकरण किसी भी देश से कमतर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेशकों के लिये अनुकूल परिस्थितियाँ हैं। यहाँ पर पर्याप्त रॉ मटेरियल और स्किल्ड वर्क फोर्स उपलब्ध है।
ज्वाइंट प्रेसीडेंट एण्ड हेड लैण्ड सिस्टमस्‌ डिफेंस एण्ड एरोस्पेस अडानी ग्रुप श्री अशोक वाधवान ने कहा कि हमने सर्वप्रथम मध्यप्रदेश में मालनपुर से रक्षा उपकरणों के निर्माण का कार्य शुरू किया था। हम यहाँ पर पिस्टल और मशीनगन सहित अन्य उपकरण बनाते हैं। शीघ्र ही हम इसका विस्तार करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे कार्य में एमएसएमई सहयोग कर सकते हैं। श्री वाधवान ने कहा कि मध्यप्रदेश में इस तरह का प्रकोष्ठ बनायें जो निवेशकों को सपोर्ट करे। लायसेंस की प्रक्रिया सरल हो।
प्रोग्राम डायरेक्टर आइडेक्स से.नि. कैप्टन रॉय जोसेफ ने कहा कि हम स्टार्टअप के साथ लगातार काम कर रहे हैं। उनको फण्डिंग भी करते हैं। उन्होंने कहा कि यंग इंटरप्रोन्योर और स्टार्टअप मध्यप्रदेश से कम अपलाइ कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के युवाओं को भी इसमें आगे आना चाहिये। श्री जोसेफ ने कहा कि डिफेंस पीएसयू मध्यप्रदेश में स्थापित हो सकते हैं।
सेवानिवृत्त एयर मार्शल शशिकर चौधरी ने कहा कि मध्यप्रदेश में आयुध उपकरणों के निर्माण का इकोसिस्टम तैयार है। प्रदेश में जमीन, स्किल्ड मैन पॉवर, बिजली और पानी सरप्लस में है। सरकार द्वारा कई इंसेंटिव दिये जा रहे हैं। निवेशकों को इनका लाभ उठाना चाहिये। प्रेसीडेंट एमआरओ एसोसियेशन ऑफ इंडिया श्री भरत मलकानी ने कहा कि हमें चीन से कम्पीट करना है, न कि गुजरात और महाराष्ट्र से । इस तरह का इकोसिस्टम बनाना होगा कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा निवेश हो। अभी सही वक्त है, अन्यथा हम बहुत पीछे हो जायेंगे। लायसेंस को सिंगापुर की तरह सरल करना होगा।


भोपाल में खुलेगा रेयर अर्थ लिमिटेड का ऑफिस
चेयरमेन एण्ड एम.डी. इंडियन रेयर अर्थ लिमिटेड श्री दीपेन्द्र सिंह ने कहा कि जल्द ही भोपाल में रेयर अर्थ लिमिटेड का ऑफिस खुलेगा। इससे मध्यप्रदेश के निवेशकों को माइंस और मिनिरल्स के क्षेत्र में निवेश करने के लिये जरूरी सलाह और सुविधाएँ समय पर मिल सकेंगी। उन्होंने टायटेनियम,लीथियम और यूरेनियम जैसी धातुओं के महत्व को भी रेखांकित किया। फाउण्डर एण्ड सीईओ टेकग्ले इनोवेशसंस श्री विक्रमसिंह ने कहा कि हम ड्रोन बनाने का काम करते हैं। भारत वर्ल्ड ड्रोन हब के रूप में विकसित हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार पॉलिसी बनाये और उसका बेहतर क्रियान्वयन भी सुनिश्चित करें, इससे स्टार्टअप्स को मदद मिलेगी।
आयुक्त सिविल एवियेशन श्री चन्द्रमौली शुक्ला ने बताया कि इस क्षेत्र में आज ही हमने तीन एमओयू किये हैं। प्रदेश सरकार ने इंक्यूवेटर के लिये सौ करोड़ रूपये की इक्युटी रखी है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिये अवसर चिन्हित करना है। पूर्व ज्वाइंट सेक्रेटरी सिविल एवियेशन श्री अम्बर दुबे ने सत्र का संचालन किया।

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