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इंदौर क्वॉरेंटाइन सेंटर में गुटके पाउच के लिए हंगामा !

  • गुटखे व पाउंच के लिए स्टाफ के साथ बत्तमीजी, चिल्लाचोट और गालियां तक दी जा रही
  • प्रेसीडेंट पार्क में सेवा करने वालों के साथ कर रहे अभ्रदता।

  • कोरोना महामारी को रोकने के लिए इंदौर प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी गई हैं…। ऐसे में क्वॉरेनटाइन सेंटरों में कुछ शरारती तत्वों ने उत्पाद मचा रखा हैं…। गुटखा या पाउच नहीं मिलने पर ये पूरे सेंटर को माथे पर उठा लेते हैं…। यहां तक जो स्टॉफ इनकी सेवा में दिन-रात लगा हुआ है उनके साथ बत्तमीजी, चिल्लाचोट और गालियां तक देते है, जैसे वो इनकी गुलामी में लगे है। बावजूूद इसके पूरा स्टाफ पूरी शिद्दत से इनकी सेवा में जुट गया है…। ताकि इन्हें किसी तरह की परेशानी न हो। ऐसे में इनकी हरकतों ने एक बार फिर शहर को शर्मसार करके रख दिया हैं…।

ये हैं ताजा मामला होटल प्रेसीडेंट पार्क का, सेवा करने वालों के साथ कर रहे अभ्रदता
एक लाल रंग की थैली लेकर परिजन अंदर जा रहे थे…। इसे ड्यूटी डॉक्टर ने पूछा कि क्या लेकर जा रहे हो भैया…। थैली में मशीन थी शूगर जांच की…। इसपर व्यक्ति ने बड़े ही गंदे तरीके से अभ्रदता करते हुए जवाब दिया और सेंटर में अपनी रंगदारी दिखाना लगा…। ये सुन क्वॉरेनटाइन सेंटर में कोरोना पैंशेट के रिश्तेदार जिसे अंडर आॅब्जर्वेशन में रखा है वो बाहर आया और चिल्लाचोट करने लग गया…। क्योंकि उसकी बुरी तरह से पाउच के लिए तड़प जो रहा था…। इसलिए चिल्लाकर बोला कि आप कैसे हमारे सामान को रोक सकते है और अपको किसने ये हक दिया…। ये देख डॉक्टर व अन्य टीम ने गार्डन को बुलाया और थेली को जब्त कर लिया गया…। ये नजारा था शहर की बड़ी होटलों में शुमार होटल प्रेसीडेंट पार्क बायपास का…। यहां पहले तो समझाइश दी गई, लेकिन जब नहीं माने तो सख्ती से थेली को जब्त कर सामान की जांच की गई…। ये देख सामान लेकर जाने वाला व्यक्ति भड़क लगया और गाली-गलौज करने लगा…। टीम ने भी संयम रखा और एक-एक कर मशीनों की जांच शुरू कर दी गई…। इसकी बकायदा वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाई गई…। साथ ही मशीन के पैकेट को पहले हिलाकर चेक किया और जब अंदर आवाज आई तो उसे खोलने की कोशिश की गई। इसमें शूगर जांचने की मशीन के अंदर पाउंच भरे हुए थे। ड्यूटी डॉक्टर उक्त व्यक्ति की हरकत से समझ गए कि वो बुरी तरह तड़प रहा है…। वो बोले कि इससे मैं समझ गया हूं कि कुछ तो इसमें है…। फिर चाबी ली और खोला गया तो ये देखीए, ‘कमलापसंद’ देख दूसरे लोग बोले वेरी गुड, देखो जारा। सिर्फ उसमें ये है, कुछ भी नहीं है। जानबुझकर इतना पैक किया गया है। जिस तरह से तड़प रहा है तो मैं समझ गया कि ये एडिक्ट है किसी चीज का।

आलीशान होटलों की दीवारें तक रंग दी
शहर में क्वॉरेंटाइन सेंटरों में 1200 से ज्यादा लोगों को अंडर आॅब्जर्वेशन में रखा हुआ है। ये किसी न किसी कोरोना पैशेंट के टच में आए थे, जिन्हें अब धीरे-धीरे रिलीज भी किया जा रहा हैं। इनका साइकिल पूरा होने पर इन्हें सावधानी रखते हुए घर भेजा जा रहा हैं। ऐसे में इन आलीशान होटलों में रहने के दौरान कुछ लोगों ने इतना जाहील पना दिखाया कि इन होटलों की दीवारों को गुटखे पाउच से रंग दिया। नगर निगम की टीम फी सफाई करते-करते थक गई। एक दिन सफाई करती तो दूसरे दिन भी दीवार को गुटखा खाकर ये लोग रंग देते। यहां तक गुटखा पाउंच थुकने के लिए कई स्थानों पर कांच तक फोड़ दिए गए। यहां तक वॉश रूम की दिशा भी बदल दी गई और उसे थुक-थुक कर गंदा कर दिया। इस काम में निगम के स्वास्थ्य अमले को भी खासी मशक्कत करना पड़ती हैं। इन लोगों को कई मर्तबा समझाया गया, लेकिन इनके समझ में नहीं आती है और चोरी-छिपे क्वॉरेंनटाइन सेंटरों में गुटखे पाऊच का जाखिरा पहुंचा रहा है। ऐसे में शासन प्रशासन की सुविधाओं का भी जमकर मजा ले रहे है और उन खूबसूरत स्थानों पर गंदा दाग लगाकर जा रहे हैं।

सफाईकर्मियों की दिन-रात लगी हुई है ड्यूटी
क्वॉरेंनटाइन सेंटरों की सफाई का काम दिन-रात सफाई कर्मी कर रहे है। यहां साफ-सफाई के साथ ही सेनेटाइजनश का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। सफाई की टीम सुबह पहुंचती है और हर तरफ गंदगी ही गदगी मिलती है। सेंटरों में रहने वाले लोगों को कई मर्तबा अफसरों द्वारा समझाया भी गया, लेनिक नतीजा सिफर रहा। ये तो किसी की बात सुनने को तैयार नहीं है और मनमाफिक तरीके से होटलों को पिकदान बना दिया गया। जहां मर्जी आती है गुटखा पाऊंच खाकर खुक रहे हैं। इससे अब सवाल उठना शुरू हो गए हैं।

खाने में करते है डिमांड, कलेक्टर ने कर दिया इनकार
कोनोना महामारी को रोकने के लिए संदिग्दध परिजन को क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेजा गया था। यहां इन्हें बताया गया था कि किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। इसीलिए 51 से ज्यादा स्थानों को क्वॉरेनटाइन कर दिया गया और करीब 1500 लोगों को वहां पर शिफ्ट कर दिया गया। इसमें कई बड़ी-बड़ी होटलों भी शामिल थी। यहां जाते ही इन लोगों ने अपना असली चेहरा दिखाया और अच्छी खासी होटलों को दाग लगाना शुरू कर दिया। यहां तक इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा इन्हें ‘शानदार’ भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा था, लेकिन अचानक से इनकी डिमांड बढ़ने लगी और नई-नई चीजे मांगने लगे। ये जानकारी जैसे ही कलेक्टर मनीष सिंह को लगी तो उन्होंने स्पष्ट इनकार कर दिया और कहा कि जो व्यवस्थाएं वो ही यथावत बनी रहेगी। इनमें कोई परिवर्तन नहीं होगी। कलेक्टर सिंह के आदेश के बाद भी क्वारेंनटाइन में रहने वालों ने डिमांड तो बंद कर दी, लेकिन दीवारों की खूबसूरती को जरूर बिगाड़ दिया।

लापरवाही नहीं करेंगे बर्दाश
क्वॉरेंटाइन सेंटरों की व्यवस्थाओं को लेकर लगातार निरीक्षण किया जाता है। इसमें कुछ स्थानों से कुछ शिकायतें आई थी, जिसपर चेतावनी दी गई कि दोबारा इस तरह की लापरवाही बर्दाश नहीं की जाएगी। सेंटरों में सुबह विशेष सफाई अभियान चलाकर सफाई भी करवाते हैं और सेनेटाइजेशन भी करवाते हैं।

देवेंद्रसिंह, एडिशनल कमिश्नर, नगर निगम

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