इंदौर में पिछले पांच दिनों में एक हजार से ज्यादा मरीज संक्रमित हो चुके है और अब फेफड़ों के संक्रमित होने के मामले भी आ रहे हैं। गुरुवार को 30 से लेकर 70 प्रतिशत फेफड़ों के संक्रमण के साथ पांच मरीज अस्पतालों में भर्ती हुए। इनमें से चार को वैक्सीन की डोज लगी हुई थी। एक मरीज को आक्सीजन भी लगाई गई। डाक्टरों का कहना है कि जिन रोगियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है। उनके फेफड़ों में संक्रमण देखने को मिल रहा है, इसलिए तीसरी लहर में अधिक उम्र के लोगों और पूर्व से गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को ज्यादा सर्तक रहने की जरुरत है। क्योकि दिन पर दिन यह वायरस और खतरनाक होता जा रहा है।
अभी सामने आने वाले नए संक्रमितों में ज्यादातर कम लक्षणों वाले मरीज ही आ रहे हैं, लेकिन अब कुछ मामले गंभीर लक्षणों वाले भी मिल रहे है। एक निजी अस्पताल में गुरुवार को एक महिला मरीज को आइसीयू में भर्ती किया गया। उनके फेफड़ों में 50 प्रतिशत संक्रमण मिला और सांस लेने में भी परेशानी आ रही थी। इसके अलावा एमआरटीबी अस्पताल में भी एक मरीज गुरुवार को फेफड़ों के संक्रमण के साथ भर्ती हुआ है। डा. शैलेंद्र जैन के अनुसार अभी अस्पताल में 20 मरीज भर्ती है। जिनकी हालत चिंताजनक है।

डबल डोज वाले भी संक्रमित
अरविंदो अस्पताल के छाती रोग विशेषज्ञ की माने तो फिलहाल अस्पताल में सात मरीज भर्ती हैं, जिनमें से तीन मरीजों के फेफड़ों में संक्रमण मिला। अभी टीके का डबल डोज लेने वाले भी संक्रमित हो रहे है, इसलिए सर्तक रहने की जरुरत है। पुराने वैरिएंट के केस भी सामने आ रहे है।
– डॉ रवि दोशी, छाती रोग विशेषज्ञ, अरविंदो अस्पताल
स्वस्थ्य विशेषज्ञों की सलाह
कोरोना ओमिक्रोन ज्यादा घातक नहीं है। ऐसा मानकर इलाज में लोगों को देरी नहीं करना चाहिए। बुखार, सर्दी-खांसी होने पर जांच जरुर कराएं । अगर पहले से कोई गंभीर बीमारी है तो कोरोना संक्रमण उन पर हावी होने की पूरी संभावना रहती है। यहां बात और ज्यादा चिंता पैदा करने वाली इसलिए भी है क्योकि अब फेफड़ों का संक्रमण के साथ मरीज अस्पताल में भर्ती होने लगे है। यानी दिन पर दिन कोरोना वायरस घातक होता जा रहा है।