पीपीपी मॉडल पर एआईसीटीएसएल ने शुरू की सुवधा, इंदौर में 100 नए साइकिल शेल्टर बनें
इंदौर में एक बार फिर एआईसीटीएसएल शहर में साइकल चलाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। दरअसल पीपीपी मॉडल पर पहले चरण में शहर के 100 स्थानों पर साइकिल शेल्टर स्थापित करने की तैयारी की जा रही है। नए साइकिल स्टैंड सिटी बस स्टॉप के साथ शहरी बस स्टेंड और ऐसे स्थानों पर होंगे जहाँ आमजनों की आवश्यकता और अवजही अधिक रहती है। फिलहाल कंपनी ने माय बाइक हब के नाम से यह सुविधा सिटी बस मुख्यालय से ट्रायल के तौर पर शुरू की है। जल्द ही नगर निगम के साथ मिलकर इस योजना को इंदौर में विस्तार दिया जाएगा।
दरअसल किराए की साइकल योजना पर एआईसीटीएसएल ने एक निजी कंपनी से अनुबंध कर पीपीपी मॉडल पर यह योजना शुरू की है। जिसका ट्रायल एआईसीटीएसएल मुख्यालय से किया जा रहा है। साइकिल की बुकिंग ऐप ने माध्यम से की जा सकेगी, वहीं 20 रुपये में 10 घंटे के लिए साइकिल का किराया तय किया गया है। साइकिल किराए से लेने के बाद उसे निगम के किसी भी साइकिल स्टैंड पर जमा कराए जा सकता है, जिस कंपनी के साथ निगम ने यह अनुबंध किया है उसने महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात के कुछ शहरों में किराए की साइकल के सेंटर शुरू कर चुकी है। अब इंदौर में इसकी शुरुआत की जा रही है।

पहले भी हुए प्रयास, लेकिन फेल रहे
उधर एआईसीटीएसएल वर्ष 2013 और 2014 में भी इस तरह की योजना में राशि खर्च कर साइकिल भी खरीदी थी, और साइकिल स्टैंड बनाने में भी पैसा बर्बाद किया था। इसके अलावा हर साल पर्यावरण बचाने के संदेश को लेकर होने वाले आयोजन साइक्लोथान के दौरान भी एआईसीटीएसएल द्वारा साइकिल की खरीदी की थी, लेकिन शहरवासियों को किराए की साइकिल कभी नहीं मिली। अब एआईसीटीएसएल ने इस योजना को पीपीपी मॉडल पर शुरू कर खुद को इस योजना से अलग कर लिया है। पिछले दिनों शहर में साइकिलिंग को प्रमोट करने के लिए स्मार्ट सिटी द्वारा साइकिल ट्रैक तैयार करवाने की योजना बनी थी। उस समय स्मार्ट सिटी सीईओ अदिति गर्ग ने पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एलआईजी से देवास नाका के बीच के हिस्से में अलग से साइकिल ट्रैक तैयार करवाया था। इसमें निजी कंपनी के सीएसआर फंड से साइकिल स्टैंड भी लगवाने की योजना भी बनाई थी। स्मार्ट सिटी द्वारा बोलार्ड लगाकर ट्रैक को सिर्फ साइकिल चलाने वालों के लिए ही आरक्षित किया गया था। प्रोजेक्ट के सफल होने पर पूरे शहर में ट्रैक तैयार करने की योजना थी, लेकिन उनके ट्रांसफर के बाद इस योजना पर काम नहीं हुआ। अब देखना दिचस्प होगा कि इस बार भी इस योजना का क्या होता है।