जनता कर्फ्यू की सख्ती के बीच राम नवमी बुधवार को सादगी से मनाई गई। भगवान राम के जन्म की घड़ी दोपहर 12 बजे जैसे ही आई वैसे मंदिरोंं में शंख-ध्वनि और घंटे-घड़ियाल गूजने लगे। इस दौरान जन्म आरती और बधाई गीत भी गाए गए लेकिन भक्तों के बिना। मंदिर परिवार के चुनिंदा लोगों के मौजूदगी में कौशल्यानंदन भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया गया। पंजीरी, खिचड़ी और छाछ का प्रसाद बांटा गया। कही फूल बंगला सजाया गया तो कही भगवान नवीन वस्त्र धारण कराए गए। गीता भवन, खजराना, राजेंद्र नगर, पंचकुईया, परदेशीपुरा सहित शहरभर के राम मंदिरों में कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए राम नवमी मनाई गई। राम मंदिर राजेंद्र नगर में भगवान राम का विधि विधान से पूजा व अभिषेक किया गया । भगवान की मूर्तियों का फूलों से आकर्षक श्रृंगार किया गया । प्रभु राम की मुखाकृति की आकर्षक रंगोली भी बनाई गई । सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यम से रामनवमी के दिन सभी राम भक्त अपने घरों में रहकर ही अपने आराध्य राम के दर्शन भी कर सके। कथाकार और कीर्तनकार के श्रीमुख से राम कथा का प्रसारण भक्तों हेतु किया गया । उन्होंने ओजपूर्ण शैली में राम कथा कह कर श्रोताओं को प्रभावित किया। इस मौके पर गीत रामायण का गीत राम जन्मला ग सखी राम जन्मला गाया। इसके बाद दोपहर 12 बजे राम जन्म आरती के बाद भक्तों द्वारा नवरात्रि के दौरान कोरोना मुक्ति के लिए किए गए महामंत्र श्रीराम जय राम जय जय राम के कुल 44 लाख से भी अधिक संख्या में जप प्रभु श्री राम को संकल्पपूर्ती की कामना के साथ अर्पित किए गए । राम रक्षा पठन स्पर्धा में प्राप्त बच्चों के राम रक्षा के वीडियो का प्रसारण भी किया गया ।
