इंदौर में बनेगा स्पोर्ट्स इन्जुरी रिहैबिलिटेशन सेंटर
इंदौर में खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी सुविधा का शुभारंभ होने जा रहा है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अधीन माहिसी में प्रदेश का अत्याधुनिक स्पोर्ट्स इन्जुरी रिहैबिलिटेशन सेंटर का शुभारंभ होगा। इस सेंटर का निर्माण अहमदाबाद की प्रोफ़ेसर विमला बूटी द्वारा दिए गए दान के 30 लाख रुपया से हो रहा है। संस्था के संस्थापक, निर्देशक और एमजीएम मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन डॉ. डी.के. तनेजा ने बताया है कि यह इंदौर के एक बड़ी उपलब्धि है। सेंटर प्रारंभ होने से हमारे खिलाड़ियों को खेलों के दौरान लगने वाली चोट में राष्ट्रीय स्तर का उपचार मिल सकेगा। हमारे खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे। माहिसी के उप संचालक डॉ. हेमंत शुक्ला ने बताया है कि प्रो. निर्मल कुमार गांगुली की विशेष उपस्थिति में 27 जुलाई को दोपहर 3 बजे से एमजीएम मेडिकल कॉलेज के सभागृह में स्थापना दिवस का समारोह आयोजित किया गया है। स्थापना दिवस पर मुख्य रूप से आयोजक एम.ए.एच.एस.आई के संस्थापक निदेशक डॉ. डी.के. तनेजा और मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ.संजय दीक्षित भी उपस्थित रहेंगे। प्रो. बिमला बूटी द्वारा एमजीएम अलाइड हेल्थ साइंसेस इंस्टीट्यूट (माहिसी) में कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिए डिजिटल लैब की स्थापना भी की गई है, जिसमें कम्प्यूटर दान स्वरूप दिये गये हैं। साथ ही कन्या छात्रावास में उपयोग हेतु लगभग 10 लाख रूपये की लागत के फर्नीचर भी दान स्वरूप प्रदान किये गये हैं। प्रो. बूटी शिक्षा एवं विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी दानदाता है।
दानदाता निर्मला बूटी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की वैज्ञानिक हैं
इंदौर के स्पोर्ट्स इंज्यूरी रिहेबिलिटेशन सेंटर के निर्माण में योगदान देने वाली बूटी फाउंडेशन की अध्यक्ष प्रो. बिमला बूटी ने नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. एस.चंद्रशेखर के साथ शोध कार्य किया है। उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में अग्रणी वैश्विक संस्थान NASA में भी दीर्घावधि तक कार्य किया है। इन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं। प्रो.बूटी देश की पहली महिला वैज्ञानिक हैं जिन्हें भारतीय वैज्ञानिक की सर्वोच्च संस्था ‘भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी’ द्वारा फेलोशिप से सम्मानित किया गया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन अनुसंधान कार्यों में समर्पित किया है।
जानिये कौन हैं पद्मभूषण प्रो. निर्मल कुमार गांगुली
पद्मभूषण प्रो. निर्मल कुमार गांगुली अंतराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त चिकित्सा विशेषज्ञ है। उन्होंने बायोटेक्नोलॉजी एवं जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य किया है। प्रो. गांगुली द्वारा स्वास्थ्य एवं अन्वेषण के विशिष्ट संस्थानों का नेतृत्व किया गया है। प्रो. गांगुली अब तक 775 रिसर्च पेपर एवं 130 पीएचडी थीसिस का मार्गदर्शन कर चुके हैं।
कोविड 19 वैश्विक महामारी में स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार की उच्च स्तरीय सलाहकार समिति के अध्यक्ष के दायित्वों का निर्वहन भी किया। उन्हें अब तक सात अंतर्राष्ट्रीय एवं 113 राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। वे पद्मभूषण से भी अलंकृत हैं। वे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद सहित अन्य ख्याति प्राप्त संस्थानों के प्रमुख भी रह चुके हैं।
डॉ. डी.के. तनेजा ने बताया है कि इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज की स्वायत्त स्ववित्त पोषित संस्था एमजीएम अलाइड हेल्थ साइंसेस इंस्टीट्यूट (माहिसी) में इंदौर का पहला स्पोर्ट्स इंज्यूरी रिहेबिलिटेशन सेंटर का निर्माण बूटी फाउंडेशन द्वारा कराया गया है। इस सेंटर के माध्यम से देश-प्रदेश के विभिन्न खिलाड़ियों को खेल के दौरान लगने वाली चोटों के इलाज एवं पुनर्वास में लाभ मिलेगा। इस सेंटर की स्थापना में बूटी फाउंडेशन अहमदाबाद की अध्यक्ष प्रोफेसर बिमला बूटी का विशेष योगदान है। श्रीमती बूटी स्वास्थ्य कारणों से इंदौर नहीं आ पाएंगी। वह वीडियो के माध्यम से अपना संदेश देंगी। यह सेंटर श्रीमती बूटी द्वारा दिये गये दान से निर्मित है।