आज होंगा गणपति विसर्जन, गणेश उत्सव को लेकर शहर में उत्साह का माहौल।
इंदौर। गणेश उत्सव को लेकर शहर में नौ दिनों तक उत्सव का माहौल रहा, इसी कड़ी में शहर के वीणा नगर रेवासी संघ द्वारा गणेश उत्सव का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें संतों का आगमन हुआ।
खाचरोद बगलामुखी शक्ति पीठ से श्री श्री 1008 कृष्णानंद जी महाराज द्वारा गणेश उत्सव के दौरान सनातन धर्म पर अपने विचार व्यक्त किए, स्वामी जी ने कहा की सनातन का अर्थ समग्र समाज को एक साथ लेकर चलना एकमात्र उद्देश्य है ।इसलिए इसे सनातन कहा जाता है। कृष्णानंद जी महाराज ने बताया कि भारत भूमि देव भूमि कही जाती है। जहां देवताओं ने 21 बार अवतार लिए हैं। उन्होंने कहा कि हम सब लोग भाग्यवान है जो इस देवभूमि पर हमने जन्म लिया। जहां पर भगवान भी बार-बार अवतार लेते आए हैं।
युवा शक्ति को सनातन धर्म से जोड़ने का प्रयास
स्वामी कृष्णानंद जी द्वारा युवाओं को सनातन से जोड़ने के लिए कई उदाहरण पेश किया। स्वामी जी ने कहा कि कलयुग में भगवान का नाम उच्चारण का महत्व माना गया है । साथ ही कर्म को सर्वाधिक महत्व दिया । उन्होंने कहा कि सनातन से अभी कई लोग अछूते हैं। क्योंकि वह सनातन की गहराइयों को समझ नहीं पाए । स्वामी जी ने कहा की सनातन धर्म को समझने के लिए हमें स्वयं अध्ययन करना होगा। जिसमें हमारे वेद, रामायण, श्रीमद भागवत एवं अन्य पुराण शामिल है। स्वामी जी ने इस मार्ग पर व्यक्तिगत रूप से अध्ययन कर उन पद चिन्हों पर चलने की युवाओं को सलाह दी। उन्होंने कहा जब हम खुद इन पुराणों को पढ़ते हैं तो हमें कोई गुमराह नहीं कर सकता। हम खुद हमारे धर्म का महत्व जान पाते हैं। स्वामी कृष्णानंद जी ने यह भी बताया कि एक पथ और एक ग्रंथ का क्या महत्व होता है।
सनातन संस्कृति को एकजुट करता है गणेश उत्सव
गणेश उत्सव को लेकर स्वामी जी ने कहा कि यह हमारी संस्कृति और आस्था का जीवित प्रमाण है। जो सनातनियों को एकजुट करता है। उन्होंने युवाओं को सनातन धर्म से जोड़ने के लिए धर्म से जुड़े कई उदाहरण पेश किए। इस मौके पर संत श्री स्वामी शुभाषानंद जी महाराज एवं शिवानंदगिरी महाराज का भी मौजूद रहे। वीणा नगर रहवासी संघ की ओर से अधिवक्ता रजत रघुवंशी ने कार्यक्रम का संचालन किया, इस मौके पर पूर्व नगर निगम सभापति अजय सिंह नरूका एवं कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।