अवि के आविष्कार से समाज को मिलेगी नई राह ।
कहते है काबिलियत किसी सिफारिश की मोहताज नहीं होती, अगर कुछ करने की ठान ली जाए तो उम्र का बंधन भी छोटा हो जाता है। जी हां हम बात कर रहे है
एक ऐसे ही एक नन्हें वैज्ञानिक अवि शर्मा की, उन्होंने महज 12 साल की उम्र में कंप्यूटर पर 1700 से ज्यादा कोडिंग की मदद से एक ऐसा प्रोग्राम तैयार किया है। जो आपकी आवाज पर जिन्न की तरह मानेगा।
यानी आप का कंप्यूटर अब आप की आवाज का मोहताज होगा। आप ने बोला और वह चीज कंप्यूटर पर सामने होगी। यही नहीं अगर आप का घर इंटरनेट और वाईफाई से लैस है।
तो नन्हें अवि यह आविष्कार आपके पूरे घर को वॉइस ऑपरेटिंग सिस्टम में तब्दील कर देगा, जिससे आप के घर की बिजली, एसी, सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का करेंगे।
महज दो सप्ताह की मेहनत के बाद 12 साल अवि शर्मा ने यह आविष्कार को जन्म दिया है। जो गूगल और एलेक्सा टेक्नोलॉजी को भी ना सिर्फ टक्कर दे रहा है, बल्कि कई मायने में अवि का यह अविष्कार उससे भी बेहतर साबित होने के दावा किया जा रहा है
दिव्यांगों और बुजुर्गों से मिली प्रेरणा
इंदौर के कनाड़िया इलाके में रहने वाला अवि शुरुआत से एक असाधारण बालक रहा है, इससे पहले अवि रामायण और गीता को भी अपनी भाषा में लिख चुका है। महज तीन से छ साल की उम्र में अवि कई करिश्मे कर चुका है। जिसके चलते उसे कई तरह के खिताब भी हासिल हुए है। हाल ही में बुजुर्गों ओर विकलांगों की परेशानियों के देखते हुए अवि ने ठाना की उनके लिए कुछ बेहतर करना चाहिए ।
लिहाजा उसने दो सप्ताह की इंटरनेट और अन्य साधनों से ट्रेनिंग हासिल की। ओर कोटिंग की प्रक्रिया को सीखा। इसके बाद 1700 से ज्यादा कोडिंग की मदद से अवि ने एक ऐसा प्रोग्राम तैयार किया, जिसे कंप्यूटर पर रन करते हुए कंप्यूटर आप की अवाज पर चलने लगेगा। यानी आप मुह से बोलकर कंप्यूटर पर हर काम कर सकते है। इस प्रोगराम में लेंग्वेज कनवटर भी है। जो आप की भाषा को कन्वर्ट करता है। जिससे पूरे घर के सिस्टम को संचालित किया जा सकता है। अवि की यह खोज दिव्यांग और बुजुर्गों के लिए काफी खास रहने वाली है। यही नही गुगल के साथ चलने वाले प्रोग्राम एलेक्सा से भी यह कई मायनों में बेहतर बताया जा रहा है।

अवि का आविष्कार माता पिता का आशीर्वाद
अवि अपने इस आविष्कार के पीछे अपने माता पिता की प्रेरणा ओर आशिर्वाद का बताते है। उनका मानना है कि उनके इस फैसले में उनके माता पिता का सबसे ज्यादा सहयोग रहा है। अवि के अविष्कारों को हमेशा प्रोत्साहित करना ओर उन्हें नित्य नए प्रयोग के लिए प्रेरणा देना ही अवि के लिए सबसे बढ़ी ताकत साबित हुई है। अब नन्हें अवि का यह आविष्कार आने वाले दिनों दुनिया के सामने ओर बेहतर टैक्नालाजी का परिचय देगा। जिससे ना सिर्फ देश बल्कि दुनिया में भी भारत का सर फक्र से ऊँचा होगा।
Really you are inspiration to many students.
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